अधुरी खिताब - 18

 एपिसोड 18 : “राख का सौदा – जब प्यार और श्राप एक हो गए”️ 1. सौदे की शुरुआतरात के तीसरे पहर, दरभंगा की हवेली का हर दरवाज़ा धीरे-धीरे कराह रहा था।आसमान में काले बादल ऐसे उमड़ रहे थे जैसे किसी की आख़िरी सांसें भारी हुई हों।अनामिका उस प्राचीन तख़्त के सामने बैठी थी जहाँ किताब रखी थी — “अधूरी किताब – भाग दो : राख का लेखक।”उसकी उंगलियों पर खून सूख चुका था, लेकिन स्याही अब भी बह रही थी।“लिखो…”वो फुसफुसाहट फिर आई — वही जिसे वो अब पहचानने लगी थी।“अगर मैं न लिखूँ तो क्या होगा?” अनामिका ने काँपते