पालकी और दुर्गा तो राखी बनाना शुरू कर चुके थे। पर सांची को राखी सही से बनानी नहीं आ रही थी क्योंकि उसने कभी रखी अपने हाथ से नहीं बनाई थी उसका भी यह पहली बार था उसे से राखी को बनाते वक्त परेशान देखकर उर्मिला जी उसकी मदद करने के लिए जाती है। यह हाल में सभी लेडिस राखी बना रही थी तो वही किचन का हाल कुछ अलग ही था। सभी में लिए डिसाइड कर रहे थे कि वह लोग डिनर में क्या बनाएंगे, उन लोगों ने डिसाइड करने के बाद तैयारी करना शुरू कर देते हैं। तभी वहां