धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 27

सब अपने अपने कमरे में आराम करने के लिए चले जाते है, तभी उनके घर का दरवाजा जोर से खुलता है और कोई सीधा अंदर आकर सिमरन को आवाज लगाने लगता है। इधर सिमरन अपने कमरे में बेड पर बैठी होती है, और आज का दिन याद कर रही होती है। जिससे उसके चेहरे पर स्माइल आती रहती है। सिमरन सोच रही होती है कि वो सच में बहुत लकी है जो उसे ऐसा प्यार करने वाला भाई मिला है। और वो भगवान जी से मन ही मन मन्नत मांगती है कि उसके भाई को सारी खुशियां देना! तभी उसका हाथ