Nafrat e Ishq - Part 25

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कमरे की खिड़की से धुंधली रोशनी अंदर गिर रही थी। पंखे की धीमी गति से हवा चल रही थी, लेकिन कमरे का तापमान ठंडा नहीं था—बल्कि तनाव और डर से भरा हुआ था। लोहे की सलिंग लगी खिड़की, और सॉलिड गेट ने इस कमरे को पूरी तरह से बंद कर रखा था।कमरे के कोने में एक लड़की बैठी थी। उसके आँसू उसकी आँखों से फिसल रहे थे, लेकिन उसने अपनी आँखें झुका रखी थीं। कमरे में एक सिंगल बेड था, एक तकिया और चादर बिखरी हुई थी। एक छोटे से बाथरूम में 20 लीटर पानी का कैम्प रखा गया था