Chapter 3 - डायरी के राज़ [ एक हफ़्ते बाद - रात के सात बजे ] रात हो चुकी है, आसमान में बादल मंडरा रहे है, शहर के एक पुराने रेस्टोरेंट के सामने एक पुरानी कार आकर खड़ी हो जाती है, उसमें से सफ़ेद शूट पहने प्रोफेसर *वी. डी. नारायण* (उम्र 52) बाहर आते है, वो ऊपर आसमान की ओर देखते है और फिर रेस्टोरेंट के अंदर जाते है । रेस्टोरेंट में ज्यादा भीड़ नहीं है, गरमा गरम खाना मेहमानों को परोसा जा रहा है, टेस्टी खाने की खुशबू पूरे होल में फैली हुई है ।