Ek Mulakat कॉलेज की लाइब्रेरी में आज कुछ ज़्यादा ही शांति थी। हर कोई अपनी-अपनी किताबों में खोया हुआ था। तभी दरवाज़ा खुला और एक धीमी हवा के साथ वो अंदर आई। उसकी मौजूदगी से जैसे कमरे की रौनक बदल गई। हल्की गुलाबी ड्रेस, कंधों पर खुले बाल और हाथ में किताबों का ढेर—वो किसी कहानी की नायिका जैसी लग रही थी।मैं वहीं कोने में बैठा उसे देखता रह गया। पहली बार लगा कि "एक मुलाकात" इंसान की पूरी ज़िंदगी बदल सकती है।---पहली नज़र का असरवो मेरी टेबल के पास वाली कुर्सी पर आकर बैठी। किताब खोली और पढ़ने