अधुरी खिताब - 16

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--- एपिसोड 16 : “हवेली की वापसी”--- 1. धुंध की दहलीज़दरभंगा की पुरानी हवेली फिर उसी तरह चुप थी —जैसे सदियों से किसी का इंतज़ार कर रही हो।दीवारों पर उगी काई अब और गहरी हो चुकी थी,खिड़कियों से झाँकती धुंध में बस एक परछाईं चल रही थी — तनिषा।वह टैक्सी से उतरी, हाथ में वही किताब थी।उसकी आँखें अब इंसानी नहीं लग रहीं थीं —कुछ अजीब, जैसे वो किसी और के इशारों पर चल रही हो।गाँव के लोग दूर से देख रहे थे।रमाकांत ने अपने पड़ोसी से कहा —> “ए भइया, ई तो उहे किताब वाली औरत है… जेकरा हाथ