Already Recognised, Too much Admired, no need for Admiration and Recognition, I know who am I, no one/ nobody, न कभी था, न होऊंगा क्योंकि मैं नहीं हूँ but yes तत् त्वं असि you are that. जिनको अपने सामर्थ्य पर भरोसा नहीं होता, जो खुद को जानते पहचानते नहीं हैं वो मान्यता देते कि जगह मान्यता प्राप्त करना चाहते हैं, जो नालायक हैं वो ही मान्यता कि चाह रखेगा क्योंकि जिसके पास लाइकीयत होती हैं वो अपनी मान्यता भी दूसरों को दे देते हैं और कोई उनको माने न माने उनको फर्क नहीं पड़ता क्योंकि समर्थता तो स्वाभाविक हैं