माही... रूह कभी-कभी ज़िंदगी में ऐसा रिश्ता मिल जाता है, जो सिर्फ़ जिस्मों का नहीं होता, बल्कि रूहों का होता है। वही रिश्ता माही और आरव की कहानी है।---पहली मुलाक़ातदिल्ली की भीड़-भाड़ वाली मेट्रो में, एक लड़की सफ़ेद सूट और खुले लंबे बालों के साथ किताब पढ़ रही थी। नाम था उसका माही।आरव, जो दिल्ली यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट था, उसी मेट्रो में रोज़ सफ़र करता। लेकिन उस दिन उसकी नज़र पहली बार माही पर पड़ी।वो नज़रों का मिलना बहुत आम था, लेकिन आरव के लिए वो जैसे दिल की धड़कन रुक जाने जैसा था।माही की मुस्कान में कुछ ऐसा