सिम्मी के दिमाग बहुत बोझिल है।रात को ठीक से सोई नहीं है ।रात भर चपरासी के बेटे और वेदांत की ताना बुना से आंखे सुजी हुई। सुबह अलसाई हुई मॉर्निंग वॉक में जाती है,सामने हाई स्कूल की ग्राउंड थोड़ी शहर से बाहर शहर से कई संभ्रांत लोगों के आवा जाहि है ।शहर से बड़े बच्चे खेलने भी आते है ।विशेष क्रिकेट खेलने।स्कूल के पीछे एक पहाड़ी है।बीच में एक नाला है जिसमें बारह मासी स्वक्ष निर्मल जल धारा बहती रहती है।टहलते हुए सिम्मी उस ग्राउंड में लिली की फूल की महक लेने जाती हैं।ग्राउंड में गांव के बच्चे खेल रहे