अधूरे सपनों की चादर - 18

--अध्याय 18नई पहचान, नए अहसास(अधूरे सपनों की चादर)समय जैसे पंख लगाकर उड़ गया। कॉलेज का पहला साल तमन्ना ने संघर्षों और नए अनुभवों में पार कर लिया। और जब नतीजे घोषित हुए तो सबकी आँखें खुली की खुली रह गईं—तमन्ना ने क्लास में टॉप कर लिया था।घर में यह सुनकर जैसे किसी ने अविश्वास का ताला खोल दिया हो। माँ-बाबूजी के लिए यह खबर चौंकाने वाली थी। जहाँ उसके भाई पढ़ाई छोड़ चुके थे, वहीं तमन्ना ने न सिर्फ पढ़ाई जारी रखी बल्कि सबको पीछे छोड़ दिया। मोहल्ले में चर्चा थी—“तमन्ना बहुत होशियार लड़की है।”“देखो, लड़कों से भी आगे निकल