अधूरे सपनों की चादर - 17

अध्याय 17नई राहों की दहलीज़(अधूरे सपनों की चादर)12वीं की परीक्षा का परिणाम आया। तमन्ना के हाथ में मार्कशीट थी और दिल में धड़कनें। जब उसने देखा कि एक विषय में 84% अंक आए हैं तो मानो घर में खुशी की लहर दौड़ गई। परिवार में, पड़ोस में, रिश्तेदारों में—सबके चेहरे पर गर्व था। अब तक जो चुपचाप और छुपी-सी रहती थी, अचानक सबकी नजरों में आ गई। पुरानी सहेलियाँ भी कहने लगीं—“अरे तमन्ना, तूने तो कमाल कर दिया। हमें तो अच्छे कॉलेज में दाख़िला भी नहीं मिला, और तू तो बड़े-बड़े कॉलेज के फॉर्म भर रही है।”तमन्ना ने दो-तीन गर्ल्स