मैं राजन…आप मेरी कहानियां "अंधेरा कोना" में पढ़ते आए हों।M.Sc. Biomedical करने के बाद मैं नौकरी की तलाश में था। मेरे अतीत के डरावने अनुभव और उनकी यादें आज भी मेरा पीछा नहीं छोड़ रही थीं।अगस्त महीने में मुझे गांधीनगर की एक मल्टीनैशनल कंपनी में जॉब मिली। मेरे M.Sc. का एक दोस्त भी उसी शहर में था। अक्सर हम मिलते थे, और ये सोचकर मुझे सुकून मिलता कि मेरा कोई अपना पास में है।सिर्फ एक साल में सब कुछ बदल चुका था।जो मेरे अपने थे, वो अब दूर चले गए थे।जिन गलियों में मैं कॉलेज के दिनों में घूमता था,