आलोचना के कठघरे में कथा कार राम गोपाल भावुक

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आलोचना के कठघरे में कथा कार राम गोपाल भावुकसंपादन---श्री राज नारायण बोहरेप्रकाशन----लोकमित्र प्रकाशन एक अरसा से राम गोपाल भावुक जी साहित्य सृजन में रत हैं ।उन्होंने बहुत से उपन्यास कहानियां कवितायेँ सृजित कीं हैं हर विधा में हाथ आजमाया और अपने क्षेत्र की आंचलिक भाषा को साहित्यिक सम्मान दिलाया मैं भ्रम में था कि मैंने भावुक जी का सम्पूर्ण साहित्य पढ़ डाला अब किसी से भी उनके बारे में अधिकारिक रूप से चर्चा कर सकता हूँ। उनके साहित्य की आलोचना कर सकता हूँ ।बहस कर सकता हूँ उनके साहित्य पर कहीं भी व्याख्यान दे सकता हूँ ।पर जब यह पुस्तक