हुक्म और हसरत अर्जुन+सिया = #ArSia (अर्सिया)रात को सिया अपने कमरे में अकेली बैठी थी।उसने उन सारे पलों को याद किया —जब अर्जुन ने उसे ज़हर से बचाया,जंगल से उठाया,गोली से ढका,और हर बार — खुद से ज्यादा उसकी साँसों की फ़िक्र की।“क्यों हर बार तूफ़ान मुझे नहीं, अर्जुन को चोट पहुँचाता है…?”इसका जवाब आसान था,वो सिया का अंगरक्षक था,पर सिया...उसके लिए वो कही ज्यादा मायने रखने लगा था।---"वो हर बार मुझे मौत से बचाता है…और मैं हर बार उसकी खामोशी में ज़िंदा हो जाती हूँ।”सिया अर्जुन की बातों से आहत थी।"तुम्हारी धड़कन