"इतना बोलकर जानवी फोन काट देती है । अशोक ये सब सुनकर हैरान था । जिस बेटी को उसने इतना प्यार से पाला । आज उसी बेटी ने उसो छोड़ने का फैसला कर लिया । अशोक ये सब सौच ही रहा था के तभी विकास कहता है ।"विकास: - दैखा ना ससुर जी । आप खामखां मुझे दोष दे रहे थे । मैं कहां कुछ करता हूँ । जो करती है आपकी बेटी करती है ।अब घर जाओ और हो सके तो उसे रोक लेना । वरना मैं तो आज चला । इतना बोलकर विकास उन लड़कियो के साथ अंदर चला