जब तेरी याद आएगी हर शाम की तरह सूरज ढल रहा था। शहर की गलियों में हल्की हल्की रौनक थी, पर मेरे दिल की दुनिया एक अजीब सी उदासी में डूबी हुई थी। मैं उस बेंच पर बैठा था जहाँ हम अक्सर साथ बैठते थे। चाय की दुकान से आती उस मीठी आवाज़ की तरह तेरी हँसी की यादें मेरे कानों में गूंज रही थीं। तेरे बिना सब कुछ अधूरा सा लग रहा था।हमारी कहानी एक छोटे से कॉलेज की लाइब्रेरी से शुरू हुई थी। तू पहली बार आई थी, हाथ में किताबें लिए हुए, आँखों में सपनों की