जीवन के जाल: काव्य संग्रह

जीवन के जाल में---------जीवन एक जाल है,सूत्रों से बुना हुआ—आशा, निराशा,मोह और माया का ताना-बाना,जहाँ हर डोरी का सिराकभी हाथ आता है,तो कभी सरककरअनंत में खो जाता है।कभी लगता है यह जालहमारा सहारा है,रिश्तों की डोरियों से बँधाएक सुरक्षित किनारा है।पर अगले ही पलयह बंधन बोझ बन जाता है,और मन चिड़िया-साआज़ादी के नभ को ताकता रह जाता है।इस जाल में हँसी भी है,तो दर्द की सरगोशियाँ भी;कुछ मीठे पल यादों में,कुछ खट्टे शिकवे की परछाइयाँ भी।कभी प्रेम की चाँदनीसब ओर उजाला करती है,तो कभी विश्वास की दराररात को और गहरा करती है।कर्म की डोरियाँहर किसी को जकड़ती हैं,बीते पलों की