*अदाकारा 32* "तुम एक पुलिस अधिकारी हो और अगर मैं कल तुमसे कोई गैरकानूनी काम करवाना चाहूँ तो क्या तुम करोगे?"शर्मिला के इस शब्दने बृजेश को पूरी रात सोने नही दिया।बार बार ये शब्द हथौड़े की तरह उसके सीने पर वार करते रहे।उसके दिमाग में गूंजते रहे।दोपहर को ड्यूटी पर आने के बाद भी ये शब्द उसका पीछा नहीं छोड़ रहे थे।शर्मिला के ये शब्द सुनकर वह समझ नहीं पा रहा था कि शर्मिला आखिर क्या करना चाहती है?वह उससे क्या करवाना चाहती है?वह किस तरह का गैरकानूनी काम करवाना चाहती है?यह सोचते-सोचते उसका सिर चकराने लगा था।उसने अपनी दोनों कोहनियाँ