बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 59

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chapter 59वह जैसे तैसे कर कर अपने दर्द को बर्दाश्त करने की कोशिश कर रही थी उसने कसकर अपनी मुट्ठी बंद कर ली थी और साथ में आंखों को भी। शशांक किसी से फोन पर बातें कर रहा था, वही दुर्गा अपने नोटबुक में कुछ लिख रही थी तो वही का‌ कार्तिक शिवाय के कान पाक रहा था और शिवाय का पूरा फोकस सामने ड्राइविंग पर था। सभी लोग अपने-अपने काम में बिजी थे कि उनके कानों में आरोही की दर्द भरी आवाज पड़ती है.....अ्अ्अ।तो सभी का ध्यान आरोही की तरफ जाता है। अब आगे प्रेजेंट में कार्तिक अपनी बात को खत्म करता है।