Divya Drishti: The unseen truth

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पहला मोड़" एक साल कैसे निकल गया हमे पता ही नहीं चला। शुरुआत एक दोस्ती से हुई थी... और अब वो दोस्ती एक इम्तिहान से गुजरने वाली थी। पहले साल तक हम घर से अप-डाउन करते रहे। पर दूसरे साल में प्रैक्टिकल्स, अर्ली मॉर्निंग लेक्चर्स और असाइनमेंट्स ने मजबूर कर दिया कि हम कॉलेज के पास कोई पीजी ढूँढें। गाँव के कोने में एक पुराना, दो कमरों का मकान मिला — जिसे अब पेइंग गेस्ट बना दिया गया था। पेड़ों की छाँव, उसकी पुरानी दीवारें, और सन्नाटा — वो मकान देखते ही मेरे दिल में अजीब सी घबराहट हुई। लेकिन