तेरा मेरा सफ़र - 2

अगली सुबह कियारा हमेशा की तरह होटल पहुँची तो माहौल कुछ अलग ही था। रिसेप्शन लॉबी फूलों की खुशबू और हल्की-सी भागदौड़ से भरी थी। स्टाफ कॉन्फ्रेंस की तैयारियों में जुटा हुआ था। हर किसी के चेहरे पर हल्की-सी घबराहट और उत्साह साफ़ झलक रहा था।कियारा ने रिसेप्शन काउंटर सँभालते हुए अपनी साँसों को स्थिर करने की कोशिश की। पर दिल में एक अजीब-सा खिंचाव था—शायद रिया से मुलाक़ात के बाद मन में उठी नई उम्मीदें अब उसे हर चीज़ में कोई इशारा खोजने पर मजबूर कर रही थीं।दोपहर तक कुछ मेहमान आ चुके थे। कियारा हर बार की तरह