अनुबंध : एपिसोड 12 – टूटन और तलाशरात गहरी थी।बारिश की हल्की-हल्की बूँदें खिड़की से टकराकर संगीत-सा बजा रही थीं।लेकिन विराट के अंदर कोई शोर था—वो शोर जो कई दिनों से बढ़ता जा रहा था।उसने आईने में खुद को देखा—एक टूटा हुआ आदमी।वो विराट सिंगानिया, जो हमेशा परफेक्ट, कंट्रोल में और अडिग दिखता था, आज अपने ही डर और अहंकार के बोझ तले बिखर चुका था।उसकी आँखों में लालिमा थी।वो फुसफुसाया—इनफ… अब और नहीं। अगर मैंने आज उसे खो दिया, तो ज़िंदगी भर खुद को माफ़ नहीं कर पाऊँगा।”---अनाया बालकनी में बैठी थीं। बारिश की बूँदें