अनुबंध – एपिसोड 11 तन्हाई और तकरार रात बहुत लंबी थी।विराट अपने कमरे में अकेला बैठा था। कमरे की खिड़की से आती हल्की-हल्की रोशनी उसकी आँखों में पड़ रही थी। उसके सामने पड़ी व्हिस्की का ग्लास अनछुआ था।उसने कई बार दरवाज़े पर जाकर अनाया के कमरे का नॉब घुमाने की कोशिश की, लेकिन हर बार ठहर गया।उसकी साँसें भारी थीं। “मैं उसे खो नहीं सकता… लेकिन वो मुझसे इतनी दूर क्यों चली गई?”उसके गाल पर अब भी अनाया के थप्पड़ की जलन बची हुई थी—मानो हर लम्हा उसे याद दिला रही हो कि उसने उस