अनुबंध - 8

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अनुबंध – एपिसोड 8 (पहली चिंगारी) सुबह का सूरज खिड़कियों से सुनहरी किरणें बिखेर रहा था।विराट कार ड्राइव कर रहा था—चेहरे पर वही सख़्ती, पर आज कुछ हल्का-सा अलग। जैसे कोई बोझ ज़रा-सा कम हुआ हो।अनाया साइड सीट पर बैठी थी, खामोश, लेकिन उसकी नज़रें बार-बार साइड मिरर में जाकर उससे टकरा जातीं।वो सोच रही थी—"क्या ये वही आदमी है जो हर बात में ग़ुस्से से भरा रहता था? या फिर… मेरे साथ रहने के बाद बदल रहा है?"ऑफिस पहुँचे।कॉरिडोर से गुजरते हुए सब स्टाफ ने झुककर कहा—“गुड मॉर्निंग मैम।”उसने हल्के से स्माइल किया, लेकिन अंदर से अब भी