*अदाकारा 28* एक घंटा तो पलक झपकते ही बीत गया। शर्मिला जो सात बजे आयी थी वो आठ बजते ही उठी और बोली।"उर्मिला चलो।जीजू के आने का समय हो गया है।अब मैं भी चलती हूँ।वो फ़ोन पर ही बहुत गुस्सा कर रहे थे।पता नहीं मुझे अपने सामने देखकर तो वो क्या करेंगे?।तुम प्लीज़ मेरी तरफ़ से उन्हें भी सॉरी कहना ओर मना भी लेना।""हाँ शर्मिला।मैं पूरी कोशिश करूँगी।और तुम संभल के जाना।और अब आते-जाते रहना और अगर आ न पाओ तो फ़ोन करते रहना।""ठीक है।तुम भी फ़ोन करना और कभी-कभी मेरे घर भी आना।मैं तुम्हें अपना पता सेंड कर