अधुरी खिताब - 13

⏳ रात का सन्नाटा – पुस्तकालय के भीतरपुरानी पुस्तकालय की हवा और गहरी होती जा रही थी। धूल से ढकी अलमारियों में रखी किताबें मानो सदियों से किसी रहस्य की रखवाली कर रही थीं।चारों आत्माओं को मुक्त करने के बाद भी कमरे में बेचैनी कायम थी। ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने अभी भी उन्हें घूर रखा हो।काव्या ने धीरे से फुसफुसाया –“क्या तुम्हें लगता है… वो दरवाज़ा सचमुच हमें चुनेगा?”राहुल ने अपनी मशाल की लौ ऊपर उठाई।“अगर किताब झूठ नहीं बोल रही, तो अब हमें हवेली लौटकर तहख़ाने तक पहुँचना ही होगा।”रीया ने काँपते हुए चारों ओर देखा।“लेकिन,