अधुरी खिताब - 12

--- एपिसोड 12 :“दरभंगा की पुस्तकालय और हवेली का असली राज़”⏳ यात्रा की तैयारीसुबह की हल्की किरणों के साथ हवेली में फिर से सरगर्मी लौट आई थी। पिछली रात की वो रहस्यमयी आवाज़ अब भी सबके ज़हन में गूंज रही थी। सावित्री देवी की आत्मा को मुक्त कर देने के बावजूद हवेली की दीवारें किसी अदृश्य डर का संकेत दे रही थीं।काव्या ने खिड़की के बाहर झाँकते हुए कहा –“यह हवेली… जितना देती है, उससे कहीं ज्यादा छुपा लेती है।”रीया ने गहरी साँस छोड़ी।“अब तो किताब ही हमारी राह है। वही हमें बताएगी कि आगे कहाँ जाना है।”राहुल ने उस