--- एपिसोड 15 : “मेरे इश्क़ में शामिल रुहानियत – अतीत का पहला सामना” ⏳ तहख़ाने की रहस्यमयी शुरुआत दरवाज़े के पार जैसे ही सबने क़दम रखा, एक ठंडी लहर उनके जिस्म से टकराई। हवा में सीलन, दीवारों पर जाले और फर्श पर अजीब-सी नमी थी। ऐसा लग रहा था मानो सदियों से इस जगह पर किसी ने कदम ही न रखा हो। काव्या ने धीमे स्वर में कहा – “ये सिर्फ तहख़ाना नहीं… किसी भूली हुई कहानी का गवाह है।” रूहानी ने शरारती मुस्कान के साथ कहा – “वाह! अब तो और मज़ा आएगा…