यशस्विनी - 18

लघु उपन्यास यशस्विनी अध्याय 18: किताबों में रखे गुलाब और प्रेम का अंकुरण  किशोरावस्था के प्रेम में केवल और केवल भावनाएं होती हैं,जैसे हृदय किसी की बस एक मुस्कुराहट देख लेने पर सारे जहाँ की खुशियां मिल जाने की कल्पना कर लेता है।किताब के पन्ने में दबे हुए गुलाब के फूल इस तरह सहेज कर रखे जाते हैं जैसे इश्क में ताजमहल जैसी कोई बेजोड़ चीज मिल गई हो। प्रेम पत्र लिखने की कोशिश में कुछ एक प्रेमियों के द्वारा न जाने 200 पेज की कॉपियों के कितने पन्ने फाड़कर फेंक दिए जाते हैं।इनमें बस किसी में एक शब्द तो