--- एपिसोड 13 “दरभंगा की पुस्तकालय और हवेली का असली राज़” (मेरे इश्क़ में शामिल रुमानियत) ⏳ यात्रा की तैयारी सुबह की हल्की किरणों के साथ हवेली में फिर से सरगर्मी लौट आई थी। पिछली रात की वो रहस्यमयी आवाज़ अब भी सबके दिलों में गूंज रही थी। काव्या ने धीरे से कहा – “दरभंगा की पुस्तकालय… वहीं छिपा है हवेली का असली सच।” अनाया की आँखों में डर और जिज्ञासा दोनों थे। उसने विवान की तरफ देखा। विवान ने दृढ़ स्वर में कहा – “जो भी सच होगा, हम साथ मिलकर जानेंगे। कोई