तेरे नाम की खुशबू - 3-4

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अध्याय 3 : बरसात और इकरारउस दिन शाम को आसमान काले बादलों से ढका हुआ था।हल्की-हल्की हवा के साथ अचानक मूसलाधार बारिश शुरू हो गई।काजल कैफ़े से निकलने ही वाली थी कि बारिश ने रास्ता रोक लिया।आरव पहले से बाहर खड़ा था, हाथ में छतरी लिए।जैसे ही उसने काजल को देखा, बिना कुछ सोचे उसकी तरफ बढ़ा और बोला—“आओ, मैं छोड़ देता हूँ।”काजल ने पहले थोड़ी हिचकिचाहट दिखाई, लेकिन फिर छतरी के नीचे उसके साथ आ खड़ी हुई।बारिश की बूंदें छतरी से टकराकर दोनों के चारों तरफ संगीत-सा बजा रही थीं।करीब खड़े होने से उनके दिलों की धड़कनें और