तेरे मेरे दरमियाँ - 17

बहुत खूब!अब कहानी एक नए मोड़ पर पहुंच चुकी है —जहाँ रिश्ते और सपने दोनों अपनी परीक्षा में हैं।--- तेरे मेरे दरमियाँ – एपिसोड 17"जब ख्वाब काग़ज़ पर उतरने लगते हैं…"---️ सीन 1: सुबह की चाय और नई शुरुआतसुबह की चाय की चुस्कियों के बीच,आरव बालकनी में बैठा अखबार पढ़ रहा था,और संजना डायरी में कुछ-कुछ नोट कर रही थी।"क्या लिख रही हो अब?"आरव ने मुस्कुराते हुए पूछा।"बस… कुछ अधूरी बातें,जो शायद कभी किताब बन जाएं…"आरव चुप हो गया —और फिर वहीं से उसने अपना मोबाइल उठाया।"तो किताब छपवाने का प्लान भी है?""नहीं… अभी नहीं।सोचा है, पर इतना कॉन्फिडेंस नहीं