वो जो मेरा था - 17

"वो जो मेरा था..." एपिसोड – 17---फार्महाउस की रात हमेशा शांत होती थी, लेकिन उस रात सन्नाटा किसी तूफ़ान से पहले की चेतावनी जैसा था। हवा अजीब-सी ठंडी थी और बाहर पेड़ों के बीच से आती सरसराहट मानो किसी खतरे की आहट सुना रही थी।काव्या बच्ची को अपनी गोद में लिए सोफ़े पर बैठी थी। उसकी आँखें बार-बार दरवाज़े की ओर उठ जातीं, जैसे हर पल किसी परछाईं से डर रही हों। आरव खिड़की से बाहर देख रहा था, चेहरा तनाव से भरा हुआ।काव्या (धीरे से): "आरव… तुम्हें सच में लगता है कि वो लोग हमें ढूँढ लेंगे?"आरव ने