अधुरी खिताब - 10

️ एपिसोड 10 : "परछाइयों से उजाले की ओर – दिलों की अनकही दास्तां"⏳ नई सुबह, पर हवेली का सायारीया, काव्या और राहुल ने पिछली रात नेहा वर्मा की आत्मा को मुक्ति दिलाई थी। बाहर सुबह का सूरज निकल चुका था, लेकिन हवेली की दीवारों पर अंधेरे का असर अब भी बाकी था। ऐसा लग रहा था मानो हवेली अपनी अगली चाल चलने को तैयार हो।काव्या ने खिड़की से बाहर झाँकते हुए कहा –“क्या तुम दोनों को नहीं लगता कि इस हवेली में कोई और ताक़त हमें देख रही है?”रीया ने धीरे से सिर हिलाया –“हाँ… यह खामोशी भी किसी