एपिसोड 11 :"दिलों की पुकार और परछाइयों का रहस्य"⏳ सुबह की नई दस्तकसवेरे की हल्की किरणें हवेली की खिड़कियों से भीतर झाँक रही थीं। रातभर दस्तावेज़ों की गुत्थी में उलझने के बाद भी किसी की नींद पूरी नहीं हुई थी। फिर भी, उनके चेहरों पर थकान से ज्यादा जिज्ञासा थी।अनाया बरामदे में खड़ी आसमान देख रही थी। उसकी आँखों में अभी भी पिछली रात का वो पल ताज़ा था—विवान का पहला किस। उसके होंठों पर हल्की मुस्कान खेल रही थी।पीछे से विवान आया और धीरे से उसके कंधे पर हाथ रखा।“सुबह की ठंडी हवा में भी तुम इतनी खोई