अथर्व की जिंदगी उतनी ही साधारण थी जितनी दिल्ली की ट्रैफिक वाली road पर रोज हो जाने वाली शिकायतें. उसकी सुबह की शुरुआत coffee से होती, फिर office का शोर, और रात को laptop की रोशनी में आँखों का थक जाना, यही उसकी दिनचर्या थी.वह खुद भी ऐसा महसूस करता था कि जैसे जिंदगी की सारी खुशी एक खाली कैनवास पर पहला रंग भरने जैसा हो, जैसे बस एक छोटा सा स्पर्श ही पूरी तस्वीर को बदल दे और सब कुछ नया और खास बना दे.उसे किसी चीज का डर नहीं था, बस आराम की जिंदगी थी, और शायद यही