अलौकिक दीपक - 4

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अलौकिक दीपक – भाग 4(आरव की कहानी)गाँव की उस पुरानी हवेली में दीपक अब भी जल रहा था। उसकी लौ हल्की-हल्की काँप रही थी, जैसे किसी अनदेखी शक्ति से बातें कर रही हो। पिछले तीन भागों में जहाँ रहस्य और अतीत की परछाइयाँ सामने आई थीं, वहीं अब इस दीपक ने एक नया चेहरा दिखाया—आरव का।आरव गाँव का एक साधारण लड़का नहीं था। बचपन से ही उसकी आँखों में एक अलग सी चमक थी। लोग कहते थे कि वह किसी पिछले जन्म की छाया अपने साथ लिए घूमता है। जब वह पहली बार उस अलौकिक दीपक के पास पहुँचा,