प्रस्तावना : शापित होंठों की कथा“कुछ औरतें जन्म से पवित्र होती हैं…कुछ औरतें पाप से गढ़ी जाती हैं…और कुछ औरतें, पाप और पुण्य दोनों को निगल जाती हैं।उन्हें ही लोग ‘करणपिशाचिनी’ कहते हैं।” कहते हैं छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में एक गाँव था — करणगांव।गाँव इतना साधारण था कि कभी नक्शे पर भी दर्ज नहीं हुआ। लेकिन उसकी मिट्टी में एक ऐसा रहस्य दबा था, जो इंसानों के लिए नहीं था। बरसों पहले वहाँ एक औरत रही — द्रौपदी लोग कहते थे, उसके होंठों पर हमेशा ताले लगे रहते।क्योंकि जब भी वो बोलती, किसी न किसी की मौत हो जाती।