यह कहानी शुरू होती है एक विशाल नगरी वसंत पुरी से जहां का राजा बहुत ही शक्तिशाली था वह एक लोकप्रिय राजा था प्रजा उसकी सारी बातें मानती थी और वह प्रजा की सारी बातें सुनता थासारे नगर वासी अपने राजा से कोई भी बात कहने में जरा भी संकोच नहीं करते थे राजा के एक बेटा थाउसके 6 दोस्त थे वह सातों दिन भर इधर-उधर घूमते मस्ती मजाक करते और कोई काम नहीं करते थेएक दिन उन सभी के पिता परेशान होकर राजा के पास मदद मांगने को पहुंचेउसमें से एक पंडित एक नाई एक बढ़ई, लोहार,सोनार, और एक वजीर का भी