लोकोपायलट का सफ़र - The Beginning

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लोकोपायलट यानी रेलगाड़ी का चालक। बाहर से देखने पर लगता है कि बस इंजन चलाना ही उसका काम है, लेकिन हकीकत में यह सफ़र बहुत कठिनाइयों, ज़िम्मेदारियों और त्याग से भरा होता है।सुबह से रात और रात से सुबह तक, लोकोपायलट की ड्यूटी तय समय पर नहीं होती। कभी आधी रात को सायरन बजता है कि फलाँ गाड़ी चलानी है, तो कभी भोर में आँख खुलते ही स्टेशन पहुँचना पड़ता है। उनके लिए रविवार या त्योहार का मतलब वही होता है जो आम दिन का होता है—क्योंकि ट्रेनें कभी रुकती नहीं।लोकोपायलट के सफ़र में सबसे बड़ी चुनौती होती है यात्रियों