एक अनोखी मुलाकात

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​एक अनोखी मुलाक़ात​एक अधूरा सपना, एक अनछुआ सच, और एक अनमोल मुलाक़ात।​राहुल ने अपने स्टूडियो में, मुंबई की भीड़-भाड़ से दूर, एक अजीब दुनिया बसाई थी। उसके कैनवस पर, रंगों और ब्रश की मदद से, एक भविष्य का शहर आकार ले रहा था। यह कोई सामान्य शहर नहीं था; यह उसकी कल्पना से जन्मा एक शांत, तकनीकी रूप से उन्नत संसार था, जहाँ सब कुछ व्यवस्थित और नीली-गुलाबी रोशनियों से जगमगाता था। राहुल को लगता था कि यह सिर्फ़ उसके अकेलेपन का साथी है, एक ऐसा सपना जिसे वह रोज़ जीता है। फ़ोन पर उसकी माँ के संदेश उसे उस