धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 18

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फिर वो चारों डाइनिंग टेबल की ओर बढ़ते है और बैठकर खाना खाते है। सिमरन आज ईशान के पास बैठी थी, और उसे मन ही मन काफी अच्छा लग रहा था कि उसका भी कोई परिवार का सदस्य है, जो सच में उसके बारे में सोचता है। उसे कही न कही बुरा भी लग रहा होता है कि उसने ईशान के आते ही उससे बेरुखी से बात करी। पर अब सब ठीक है। ऐसे ही सोचते हुए और बातें करते हुए वो अब खाना खा लेते है और उसके बाद सिमरन, ईशान के साथ सोफे में बैठकर बातें करने लगती