ब्रम्हदैत्य - 9

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भाग 9: पर्दे सुनीता को वैद्य के पास लाया गया। राहुल पास ही खड़ा था। वैद्य ने जड़ी-बूटियाँ लीं और सुनीता के जख्मों पर लगाने लगा। उधर ताऊजी रिया को हवेली ले गए।हवेली में पहला कदम रखते ही रिया की बचपन की यादें ताज़ा हो गईं—कैसे वह अपने पिताजी रोहित के साथ खेला करती थी, दादाजी यानी ताऊजी हर शाम उसे गाँव में घुमाने ले जाते थे, चॉकलेट्स दिलाते थे।वो जैसे ही अंदर आई, उसने देखा कि एक बूढ़ी औरत, उसकी ओर पीठ किए खड़ी है, और किसी चीज़ में मग्न है। जैसे ही उस औरत ने पलटकर देखा, रिया समझ