अनुबंध – एपिसोड 6 ---दो दिन से… सिर्फ़ दो दिन हुए थे, लेकिन विराट सिंहानिया को लग रहा था जैसे सदियाँ बीत गई हों।वो, जिसकी एक नज़र पर लोग झुक जाया करते थे, आज अपनी ही पत्नी की एक नज़र का मोहताज बन गया था।ऑफिस में अनाया की मौजूदगी उसके लिए हवा जैसी थी—चुपचाप बहती हुई, लेकिन ज़िंदगी के लिए ज़रूरी।मगर पिछले दो दिनों से वो सिर्फ़ “जी सर”, “ठीक है सर” बोलकर निकल जाती।विराट अपने केबिन से शीशे के पार देखता—वो अपनी गुलाबी सलवार-कुर्ते में फाइलें सहेज रही थी, पेन अपने कान के पीछे अटका रखा था, होंठों