तन्हा सफ़र: जज़्बातों की छांव में भीगा इश्क़ - 16

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                       भाग 16             रचना: बाबुल हक़ अंसारी                  “उजाले की क़सम”        [रौशनी की लहर…]जैसे ही अयान और रिया ने एकसाथ छुरा उठाकर साए पर वार किया,प्लेटफ़ॉर्म एक तेज़ रौशनी से भर गया।   दीवारें काँप उठीं, हवा में बारूद और राख का गाढ़ा        धुआँ भर गया।     साए की चीख़ दूर तक गूंजने लगी—  “न-नहीं… इश्क़ की रौशनी… मुझे जला नहीं सकती!”लेकिन रौशनी थमने का नाम नहीं ले रही थी।रिया की आँखों से