अगले कुछ हफ़्ते अनाया के लिए नए अनुभवों से भरे रहे। कॉलेज की क्लासें, असाइनमेंट्स और प्रैक्टिकल्स का दबाव तो सब पर था, मगर उसके दिल में कहीं एक कोना हमेशा राज के लिए ही धड़कता था। सुबह से शाम तक उसकी नज़रें जैसे अनजाने ही राज को तलाशने का बहाना ढूँढतीं। चाहे कैंटीन का कोना हो या लाइब्रेरी का हॉल, भीड़ में उसका चेहरा देखते ही अनाया का दिन बन जाता।राज वैसे ही था—गंभीर, अनुशासन में रहने वाला और हर काम को perfection से करने वाला। कैंपस में सब उसकी इज़्ज़त करते थे, लेकिन उसकी दुनिया बस किताबों और