गर्मियों का मौसम था। सूरज आग बरसा रहा था। चारों ओर धूल उड़ रही थी, पेड़ों की पत्तियाँ सूखकर मुरझा गई थीं। तालाब और नदी का पानी भी सूख गया था। ऐसे में जंगल के जानवरों और पक्षियों के लिए पानी खोजना बहुत मुश्किल हो गया था।एक दिन एक प्यासा कौआ आसमान में उड़ता हुआ पानी की तलाश कर रहा था। उसकी चोंच सूख चुकी थी, पंख थकान से झूल रहे थे। उसने सोचा –“अगर जल्दी पानी न मिला तो मैं मर जाऊँगा।”कौआ उड़ते-उड़ते इधर-उधर देखता रहा। उसे कहीं भी पानी नहीं दिखा। कभी वह खेतों की ओर उड़ता, कभी