नई शुरुआत

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अप्रैल 2024 की सुबह थी। एक नई शुरुआत… लेकिन दिल के भीतर अनगिनत सवाल। मैंने आईने में खुद को देखा। साधारण सी लड़की, नीली किताबों से भरा बैग, और आँखों में डर की परछाईं। आज मेरे नए स्कूल का पहला दिन था। पहली बार किसी ऐसे माहौल में कदम रखने जा रही थी जहाँ न कोई जान-पहचान, न दोस्त, न रिश्तेदार। सिर्फ मैं… और सैकड़ों अजनबी चेहरे। रास्ते भर दिल में यही खयाल घूमता रहा— क्या सब मुझे स्वीकार करेंगे? या फिर मैं फिर से अकेली पड़ जाऊँगी? जैसे ही गेट के अंदर कदम रखा, लगा जैसे किसी और ही