अधूरी घंटी - 5

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शीर्षक : "अधूरी घंटी"Part 5 : श्राप की आख़िरी रातहवेली में उस रात सब कुछ जैसे अंत की ओर बढ़ रहा था। विवेक और बाबा मंत्र पढ़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन आरव उनके बीच आ खड़ा हुआ। उसकी आँखों से अजीब सी नीली रोशनी झलक रही थी।"मैं अब हवेली का हिस्सा हूँ… तुम चाहो तो मंत्र पूरा करो, लेकिन इसका नतीजा भुगतोगे," आरव की आवाज़ मानो किसी और की हो।बाबा ने उसे शांत करने की कोशिश की—"बेटा, तू अभी पूरी तरह आत्मा के अधीन नहीं हुआ। अपने मन को मज़बूत कर और हमारे साथ मिलकर मंत्र पढ़।"लेकिन तभी